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पेशाब करने का तरीका

Virendra Kumar Jain
Virendra Kumar Jain, बरक़तउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल से M.Sc. (1981)

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गाड़ी में गियर बदलने पर क्या प्रभाव होता है

गियर बदलने से गाड़ी के भीतर क्या परिवर्तन होता हैं, गियर के साथ गाड़ी का क्या फायदा हैं जबकि बिना गियर वाली गाड़ियां भी उपलब्ध हैं? Prem Bhaiya , Construction में Self (2015 - अभी तक) 17 दिसंबर को जवाब दिया गया बहुत बढ़िया सवाल, आपकी जानकारी के लिए बता दूं गाड़ियों में दो प्रकार का गियर सिस्टम होता है मैनुअल गियर सिस्टम,  प्रकार की गाड़ियों में गियर चेंज करने के लिए गाड़ी के अंदर एक लिवर होता है गाड़ी की स्पीड कम या ज्यादा रखने के लिए हम इसे हाथ से चेंज करते हैं गाड़ियों की शुरुआत से ही हाथ से गियर चेंज करने वाली तकनीक का इस्तेमाल होता आया है, इस प्रकार की गाड़ियों में अलग-अलग स्पीड में गाड़ी चलाने के लिए हमें गियर चेंज करने पड़ते हैं गियर चेंज करने के लिए हमें अपने उल्टे पांव (left side leg) से सबसे पहले गाड़ी की क्लच को दबाना पड़ता है क्लच के दबाते ही गियर लीवर फ्री हो जाता है तब हाथ से गियर लीवर पकड़कर पहला, दूसरा, तीसरा, चौथा, पांचवा, या छठा, गियर हम गाड़ी की स्पीड के हिसाब से डाल सकते हैं। ऑटोमेटिक गियर सिस्टम,  इन इ...

आधुनिक भौतिकी क्या है

आधुनिक भौतिकी 19वीं शताब्दी में भौतिकविज्ञानी यह विश्वास करते थे कि नवीन महत्वपूर्ण आविष्कारों का युग प्राय: समाप्त हो चुका है और सैद्धांतिक रूप से उनका ज्ञान पूर्णता की सीमा पर पहुँच गया है किंतु नवीन परमाणवीय घटनाओं की व्याख्या करने के लिये पुराने सिद्धांतों का उपयोग किया गया, तब इस धारणा को बड़ा धक्का लगा और आशा के विपरीत फलों की प्राप्ति हुई। जब मैक्स प्लांक ने तप्त कृष्ण पिंडों के विकिरण की प्रवृति की व्याख्या चिरसम्मत भौतिकी के आधार पर करनी चाही, तब वे सफल नही हुए। इस गुत्थी को सुलझाने के लिये उनको यह कल्पना करनी पड़ी कि द्रव्यकण प्रकाश-ऊर्जा का उत्सर्जन एवं अवशोषण अविभाज्य इकाइयों में करते हैं। यह इकाई क्वांटम कहलाती है। चिरसम्मत भौतिकी की एक अन्य विफलता प्रकाश-वैद्युत प्रभाव की व्याख्या करते समय सामने आई। इस प्रभाव में प्रकाश के कारण धातुओं से इलेक्ट्रानों का उत्सर्जन होता है। इसकी व्याख्या करने के लिये आईंस्टाइन ने प्लांक की कल्पना का सहारा लिया और यह प्रतिपादित किया कि प्रकाश ऊर्जा कणिकाओं के रूप में संचरित होती है। इन कणिकाओं को फोटॉन कहा जाता है। यदि प्रकाश तरंग की आवृति...